Rohit Sharma के संन्यास पर BCCI की भावुक सफाई: “हमने कभी कोई दबाव नहीं डाला” 1

Rohit Sharma Retirement:

8 मई 2025 — भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकते सितारे Rohit Sharma  ने बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से ठीक पहले ये ख़बर सामने आई, जिसने फैंस, खिलाड़ियों और पूरे क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया।

Rohit Sharma

जहाँ सभी इस फैसले के पीछे की वजहें तलाश रहे थे, वहीं बीसीसीआई (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने गुरुवार को एक भावनात्मक बयान जारी कर इस फैसले पर अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने कहा,

“टेस्ट क्रिकेट से रोहित शर्मा का संन्यास उनका निजी फैसला था। बीसीसीआई की नीति है कि जब कोई खिलाड़ी संन्यास लेने का निर्णय लेता है, तो हम उस पर कोई दबाव नहीं बनाते, कोई सुझाव नहीं देते। ये पूरी तरह से खिलाड़ी की भावना और मर्ज़ी पर आधारित होता है।”

एक ऐसे अध्याय का अंत, जिसने उम्मीदें भी दी और सबक भी

रोहित शर्मा, जिन्हें क्रिकेट प्रेमी प्यार से “हिटमैन” कहते हैं, का टेस्ट सफर आसान नहीं था। 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद भी उन्हें टेस्ट कैप पाने के लिए 6 साल का लंबा इंतज़ार करना पड़ा। 2013 में जब उन्होंने पहली बार सफेद पोशाक पहनी, तो मानो सपनों को पंख लग गए। मगर ये सफर सिर्फ सुनहरी यादों से नहीं, बल्कि संघर्ष, आलोचना और खुद से लड़ाई की कहानियों से भी भरा रहा।

रोहित घर पर तो शेर रहे — भारत की पिचों पर उन्होंने दर्शकों को न जाने कितनी बार ‘हिटमैन’ शो दिखाया। मगर विदेशी धरती पर वो लय, वो भरोसा, वो जुझारूपन अक्सर लड़खड़ा जाता था। हजारों किलोमीटर दूर से टिकट लेकर पहुंचे फैंस कई बार निराश लौटे, लेकिन फिर भी जब-जब उन्होंने अपने बल्ले से जादू किया, वो लम्हे अमर हो गए।

बीसीसीआई ने किया योगदान का सम्मान

राजीव शुक्ला ने रोहित के योगदान को भावुकता के साथ सराहा। उन्होंने कहा,

“उनकी जितनी तारीफ़ की जाए, कम है। वह महान बल्लेबाज हैं। अच्छी बात यह है कि उन्होंने अब तक क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास नहीं लिया है — वह वनडे खेलते रहेंगे। हम उनके अनुभव और प्रतिभा का लाभ उठाते रहेंगे।”

अब कौन संभालेगा टेस्ट की कमान?

अब जब रोहित ने टेस्ट कप्तानी छोड़ दी है, तो सवाल उठता है कि अगला कप्तान कौन होगा? नामों की फेहरिस्त में जसप्रीत बुमराह, केएल राहुल और शुभमन गिल प्रमुख हैं। हालांकि, शुक्ला ने स्पष्ट किया कि

“इस पर कोई अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए। यह चयन समिति का विशेषाधिकार है और वही अंतिम निर्णय लेगी।”

भावनाओं से भरा एक विराम

रोहित शर्मा का टेस्ट करियर सिर्फ आंकड़ों से नहीं मापा जा सकता। उसमें एक खिलाड़ी का संघर्ष है, एक बेटे का सपना है, एक कप्तान का बोझ है, और एक इंसान की सीमाएँ हैं। उन्होंने जितनी बार अपने आलोचकों को जवाब बल्ले से दिया, उतनी ही बार अपनी खामियों से भी जूझे।

उनकी यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि सपनों तक पहुँचने का रास्ता सीधा नहीं होता, और हर चमकते सितारे के पीछे छिपे होते हैं अनगिनत आंसू, पसीना और बलिदान।

https://x.com/BCCI/status/1920160051744157771

अलविदा नहीं, एक नए अध्याय की शुरुआत

रोहित ने क्रिकेट को अलविदा नहीं कहा है। वह अभी भी भारत के लिए सीमित ओवरों में खेलते रहेंगे, और उनके अनुभव से युवा खिलाड़ी सीखते रहेंगे। लेकिन टेस्ट क्रिकेट के उस खास कोने में, जहाँ कभी उन्होंने करियर की सबसे कठिन पारियां खेलीं, आज एक खालीपन सा महसूस हो रहा है।

‘हिटमैन’, आपने हमें गर्व दिया, भावनाएं दीं और कई यादगार सुबहें और शामें दीं। यह संन्यास अंत नहीं है, यह उस हिस्से का विराम है, जिसने हमें इंसान बनने का पाठ पढ़ाया — न सिर्फ खिलाड़ी बनने का।


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