Operation Sindoor 7 मई 2025 की सुबह भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए सटीक हवाई हमलों का कोडनेम है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई, जिसमें 27 नागरिकों की जान गई थी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। जानिए इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा गया और इसके पीछे की दर्दनाक कहानी।
Operation Sindoor: भारत का ऐतिहासिक जवाब
7 मई 2025 की रात 1:44 बजे, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंक के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई की।
इस ऑपरेशन में राफेल और सुखोई-30 MKI जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करते हुए 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया।
इस सर्जिकल स्ट्राइक का नाम था — ऑपरेशन सिंदूर।
आक्रोश की आग: पहलगाम हमले की कहानी
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने एक बर्बर हमला किया था।
इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए — सभी पुरुष। आतंकियों ने महिलाओं को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ‘संदेश’ पहुंचाना चाहते थे।
आतंकियों ने कहा —
“जाकर मोदी को बता देना, हम वापस आएंगे…”
इस निंदनीय घटना ने पूरे देश में आक्रोश की आग जला दी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों?
जब देश का दर्द शब्दों से नहीं व्यक्त हो सका, तब सेना की बंदूकों ने जवाब दिया।
इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ इसलिए रखा गया क्योंकि पहलगाम हमले में जिन पुरुषों को मारा गया, वे कई महिलाओं के सुहाग थे।
उनके माथे का सिंदूर छिन गया। इसलिए ऑपरेशन का नाम उन विधवाओं के दर्द और प्रतिशोध के प्रतीक के रूप में ‘सिंदूर’ रखा गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद इस ऑपरेशन के बाद एक संदेश में कहा:
“भारत के वीरों ने जिनके सिंदूर उजड़ गए, उनके लिए न्याय लाया है। यह ऑपरेशन केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, भावनाओं की आंधी थी।”
https://x.com/AmitShah/status/1919967418241229134
ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख बातें
बिंदु | जानकारी |
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तारीख | 7 मई 2025 |
समय | रात 1:44 बजे |
लक्ष्य | पाकिस्तान व PoK के आतंकी ठिकाने |
ठिकानों की संख्या | 9 |
प्रमुख स्थान | बहावलपुर, मुरिदके, कोटली, मुज़फ्फराबाद |
प्रमुख हथियार | SCALP मिसाइल, AASM बम, राफेल, सुखोई-30 |
दुनिया को मिला भारत का संदेश
भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए साफ कर दिया कि:
“यह नया भारत है। जो माफ नहीं करता, जवाब देता है।”
विदेशी मीडिया ने भी भारत की इस कार्रवाई को “क्लीन, स्ट्रेटजिक, और टारगेटेड” बताया।
जनता और सेना के बीच एकता का प्रतीक:
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य मिशन नहीं था — यह हर उस महिला के सम्मान की रक्षा थी, जिनका सिंदूर आतंकवाद ने छीनने की कोशिश की थी।
Operation Sindoor का उद्देश्य:
भारतीय वायुसेना ने इस अभियान में पाकिस्तान और PoK के नौ स्थानों पर आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया, जिनमें बहावलपुर, मुरिदके, कोटली और मुज़फ्फराबाद जैसे शहर शामिल हैं। इन हमलों में राफेल लड़ाकू विमानों का उपयोग किया गया, जो SCALP मिसाइलों और AASM हैमर बमों से लैस थे
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अन्य वैश्विक नेताओं ने दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है, ताकि क्षेत्रीय तनाव और न बढ़े।
निष्कर्ष: सिंदूर सिर्फ एक रंग नहीं, प्रतिशोध का प्रतीक बन गया
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल आतंकी ढांचों को खत्म किया, बल्कि भारत की एकजुटता, क्रोध और रणनीतिक शक्ति को भी पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।
यह हर भारतीय की आवाज है जो कहता है:
“अब देश के आँसू नहीं गिरेंगे… अब दुश्मन रोएगा।