Operation Sindoor 2.0
भारत द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर 2.0 अब केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक बहुस्तरीय रणनीतिक संदेश बन चुका है, जिसमें पाकिस्तान को उसकी सीमा के भीतर घुसकर करारा जवाब दिया गया है और यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत अब सिर्फ ‘सहनशीलता’ की नीति नहीं अपनाएगा, बल्कि हर आतंकी हमले का ठोस और निर्णायक जवाब देगा।
भारतीय सेना द्वारा पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के प्रतिशोधस्वरूप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर मौजूद नौ बड़े आतंकी अड्डों को टारगेट करते हुए लगभग सौ आतंकियों को खत्म कर दिया गया है, जो कि भारत की सैन्य सटीकता और बदलती रणनीति का स्पष्ट उदाहरण है। इस हमले के बाद पाकिस्तान न केवल आंतरिक रूप से हिल चुका है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उसकी छवि को गहरा धक्का पहुंचा है।
बलूचिस्तान बन सकता है पाकिस्तान के टूटने की शुरुआत
ऑपरेशन सिंदूर 2.0 का असली उद्देश्य सिर्फ सीमापार स्ट्राइक नहीं है, बल्कि यह उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के साथ-साथ बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में चल रहे असंतोष को एक अवसर में बदल सकता है। वर्तमान में बलूचिस्तान में स्थानीय जनता, पुलिस और यहां तक कि कुछ सुरक्षा बलों में भी सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। भारत इस कमजोर नस पर चोट कर सकता है, जिससे पाकिस्तान की एकता को गहरी चोट पहुंचाई जा सकती है — ठीक वैसे ही जैसे 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के समय हुआ था।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत अब पारंपरिक रक्षात्मक रणनीतियों से आगे बढ़ते हुए एक आक्रामक और निर्णायक नीति अपना रहा है, जो स्पष्ट रूप से उरी, पुलवामा, बालाकोट और अब पहलगाम के जवाब के रूप में देखने को मिल रही है। ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में भी भारत की नीति यही दिखाती है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद को पनाह देना जारी रखा, तो भारत के सैनिक महाकाल के रौद्र रूप में उतरकर उसका हर सपना चकनाचूर कर देंगे।
पूरी दुनिया को मिलेगा कड़ा संदेश
अगर भारत बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो यह कदम पूरी दुनिया को यह सटीक संदेश देगा कि भारत की सुरक्षा और आत्म-सम्मान से खिलवाड़ करने की इजाज़त किसी को नहीं दी जाएगी। यह सिर्फ पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि चीन, तुर्की और उन सभी देशों के लिए भी चेतावनी होगी जो पाकिस्तान की आतंकवादी नीतियों को अप्रत्यक्ष समर्थन देते हैं।
भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था में खलबली मच चुकी है। एक ओर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इसे “युद्ध की कार्रवाई” बताते हुए प्रतिक्रिया की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर उनके सेना प्रमुख असीम मुनीर की चुप्पी बहुत कुछ बयान कर रही है। वहीं, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है, जो इस बात का प्रमाण है कि भारतीय कार्रवाई ने उन्हें आंतरिक रूप से भी हिला कर रख दिया है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. Operation Sindoor 2.0 क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर: ऑपरेशन सिंदूर 2.0 भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का नाम है, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ ठोस सैन्य कार्रवाई करना और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करना है।
Q2. क्या ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में बलूचिस्तान को अलग करने की योजना है?
उत्तर: हाँ, माना जा रहा है कि भारत बलूचिस्तान में बढ़ते असंतोष को एक रणनीतिक अवसर के रूप में देख रहा है, और ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में उस क्षेत्र को पाकिस्तान से अलग करने का प्लान भी शामिल हो सकता है।
Q3. इस ऑपरेशन से पाकिस्तान पर क्या असर पड़ा है?
उत्तर: ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व में खलबली मच गई है, पंजाब प्रांत में आपातकाल लगाया गया है, और दुनिया भर में पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक छवि और ज्यादा उजागर हुई है।
Q4. क्या भारत अब आक्रामक रक्षा नीति पर काम कर रहा है?
उत्तर: बिलकुल, भारत अब रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामक रणनीति अपना रहा है, जिसमें आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की स्पष्ट नीति अपनाई जा रही है।