अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने शुक्रवार को पाकिस्तान को चल रहे Extended Fund Facility (EFF) कार्यक्रम के तहत लगभग $1 बिलियन (करीब 8,300 करोड़ रुपये) की फंडिंग को तुरंत जारी करने की मंज़ूरी दे दी है। यह निर्णय भारत की कड़ी आपत्तियों और आतंकवाद को लेकर चिंता के बावजूद लिया गया। Pakistan प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि वे IMF द्वारा मिली इस किस्त को लेकर संतुष्ट हैं और भारत की “साज़िश” विफल हो गई है।

भारत की आपत्ति: आतंकवाद की फंडिंग पर जताई गंभीर चिंता
भारत ने IMF के इस फैसले पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान का आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला इतिहास और पूर्व में IMF कार्यक्रमों की शर्तों को न मानने का रिकॉर्ड इसे किसी भी नई फंडिंग के अयोग्य बनाता है।
भारत के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा:
“सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा देने वालों को इनाम देना एक खतरनाक संकेत देता है। यह वैश्विक फाइनेंस संस्थाओं और डोनर्स की प्रतिष्ठा को खतरे में डालता है और अंतरराष्ट्रीय मूल्यों को कमजोर करता है।”
IMF बोर्ड बैठक में भारत ने वोटिंग से बनाई दूरी
IMF की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में, जहां $1 बिलियन की राशि को तत्काल जारी करने और $1.3 बिलियन की अतिरिक्त राशि को Resilience and Sustainability Facility (RSF) के तहत विचार किया गया, भारत ने वोटिंग से दूरी बनाकर विरोध दर्ज कराया।
भारत ने चेताया कि कुल $2.3 बिलियन की सहायता राशि का प्रयोग पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों की फंडिंग में कर सकता है। इसके बावजूद, IMF ने वित्त पोषण प्रदान किया |
https://x.com/PTI_News/status/1920898341350650079
पाकिस्तान का जवाब: भारत की रणनीति नाकाम
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि:
“पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और हम विकास की राह पर बढ़ रहे हैं। भारत हमारे विकास से ध्यान भटकाने के लिए एकपक्षीय आक्रामकता के माध्यम से साज़िश रच रहा है।”
“पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि IMF कार्यक्रम को भारत द्वारा रोकने की कोशिश नाकाम रही।”
पाकिस्तान का दावा: सुधार की दिशा में बढ़ते कदम
पाक सरकार का कहना है कि IMF कार्यक्रम देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाएगा और टैक्स सुधार, ऊर्जा क्षेत्र का सुधार, और निजी क्षेत्र के विकास जैसे प्राथमिक क्षेत्रों पर काम चल रहा है।
पिछले 14 महीनों में आर्थिक संकेतकों में सुधार को पाकिस्तान सरकार ने अपनी सफल नीतियों का परिणाम बताया है।
कुल लोन और भविष्य की रणनीति
IMF द्वारा मंज़ूर इस नई किस्त के साथ, अब तक पाकिस्तान को कुल $2 बिलियन की राशि जारी की जा चुकी है। पूरा कार्यक्रम 39 महीनों का है, जिसमें $7 बिलियन की कुल सहायता राशि शामिल है। सफलतापूर्वक सात छमाही समीक्षा पूरी करने के बाद पाकिस्तान को हर बार लगभग $1 बिलियन की किस्त मिलने की संभावना है।
IMF और पाकिस्तान ने 25 मार्च को इस लोन प्रोग्राम की पहली समीक्षा पर सहमति बनाई थी, जिसमें कार्बन टैक्स लागू करना, बिजली दरों की समय पर समीक्षा, पानी के मूल्य में बढ़ोतरी, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में उदारीकरण जैसे सुधारों पर सहमति बनी थी।
निष्कर्ष:
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी कूटनीतिक तनाव के इस दौर में, IMF द्वारा पाकिस्तान को लोन की मंज़ूरी एक अहम मोड़ है। जहां भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नैतिकता की बात करता है, वहीं IMF की यह मंज़ूरी कई सवाल खड़े करती है।
क्या आर्थिक मदद का लाभ आम जनता को मिलेगा या फिर ये पैसा आतंकी नेटवर्क की जड़ों को सींचेगा? आने वाला समय इसका जवाब देगा।