भारतीय शतरंज ने एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है। ये इतिहास में पहली बार हुआ है जब, 5 भारतीय खिलाड़ी एक साथ विश्व शतरंज संघ (FIDE) की लाइव क्लासिकल रैंकिंग में टॉप 15 में शामिल हुए हैं। यह हमारे देश के लिए सबसे अधिक प्रतिनिधित्व और गर्व भरा पल है और यह भारत की बढ़ती शतरंज की शक्ति को दर्शाता है। अब CHESS की भी दुनिया मे हमारे Players अपना नाम रौशन करने मे पीछे नहीं है| और यह उपलब्धि भारतीय शतरंज के वैश्विक दबदबे को दर्शाती है। अभी तो और इतिहास रचना बाकी है |
नई पीढ़ी के भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का जोश
शतरंज में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे एक नई प्रतिभाशाली पीढ़ी का योगदान है, जिसने लगातार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन करके विश्व मंच पर अपनी पहचान बना रही है |
विश्व के टॉप 15 में शामिल 5 भारतीय ग्रैंडमास्टर्स खिलाड़ी :
- अर्जुन एरिगैसी – 2801 रेटिंग के साथ दुनिया में 5वें स्थान पर हैं और निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
- डी गुकेश – 18 वर्षीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी, जिन्होंने हाल ही में विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती, वर्तमान में 3वें स्थान पर हैं।
- आर प्रज्ञानानंदा – 2737 रेटिंग के साथ 8वें स्थान पर हैं और विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों को चुनौती दे रहे हैं।
- विदित संतोष गुजराती – निरंतर प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण 15वें स्थान पर पहुंचे हैं।
- अरविंद चितांबरम – 2726 रेटिंग के साथ 14वें स्थान पर हैं ।
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विश्व शतरंज में भारत का बढ़ता दबदबा
भारत के ग्रैंडमास्टर्स का यह सामूहिक उत्थान विश्व शतरंज के परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव है। अब तक शतरंज पर यूरोप और रूस का वर्चस्व था, लेकिन अब भारतीय खिलाड़ी शीर्ष प्रतियोगिताओं में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और दिग्गजों को टक्कर दे रहे हैं।
भारत में शतरंज को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और सरकार एवं निजी क्षेत्र से मिल रहे समर्थन ने युवा प्रतिभाओं को संवारने में अहम भूमिका निभाई है। विश्वनाथन आनंद जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के मार्गदर्शन में युवा ग्रैंडमास्टर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहरा रहे हैं। और आने वाली भी पीड़ी भी इनसे इन्स्परैशन लेकर चेस की दुनिया मे और भी परचम लहराएगी | अब ऐसा कोई भी छेत्र नहीं होगा जहां इंडियन अपनी जलवा बिखेरते नजर ना आए |
इस उपलब्धि का प्रभाव
- नए खिलाड़ियों को प्रेरणा – इन ग्रैंडमास्टर्स की सफलता ने पूरे भारत में शतरंज के प्रति रुचि को बढ़ावा दिया है और अधिक बच्चे इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
- भारत की वैश्विक पहचान – भारत अब दुनिया के सबसे मजबूत शतरंज खेलने वाले देशों में शामिल हो गया है और शीर्ष खिलाड़ियों के बीच अपनी जगह बना रहा है।
- भारतीय शतरंज के लिए नए अवसर – खिलाड़ियों को अब अधिक स्पॉन्सरशिप, बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का अनुभव मिल रहा है, जिससे खेल को और मजबूती मिल रही है।
भविष्य की संभावनाएं
इन होनहार ग्रैंडमास्टर्स की सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय शतरंज का भविष्य उज्जवल है। आने वाले वर्षों में भारत न केवल शीर्ष रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को तैयार करेगा, बल्कि कई और विश्व चैंपियन भी देगा।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय शतरंज के एक नए स्वर्ण युग की शुरुआत है। यदि यह गति बनी रही, तो आने वाले वर्षों में भारत विश्व शतरंज का निर्विवाद नेता बन सकता है।
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